उत्तराखंड

मरचूला बस हादसे में सरकार केवल मुआवजा दे कर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती- कांग्रेस

संजीवनी एयर एंबुलेंस की असफलता पर कांग्रेस ने कठघरे में खड़ा किया

36 लोगों की अकाल मृत्यु का जिम्मेदार कौन

देहरादून। अल्मोड़ा जिले में मरचूला के पास हुए बस हादसे में तीन दर्जन लोगों की मौत व दो दर्जन से ज्यादा लोगों के घायल होने के जो प्रथम दृष्टया कारण सामने आ रहे हैं वह ओवरलोडिंग, खस्ता हाल सड़क व क्रश बैरियर ना होना व समय से एंबुलेंस ना पहुंचना बताया जा रहा हैं । प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि क्या इतने बड़े हादसे और इतने लोगों की अकाल मृत्यु पर सरकार किसी की जवाबदेही तय करेगी या नहीं?

धस्माना ने कहा कि केवल औपचारिकता के लिए कुछ लोगों को निलंबित करने से काम नहीं चलेगा परिवहन स्वास्थ्य व सड़क जिन विभागों में आते हैं उनके मंत्रियों को आगे आ कर इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और उनमें अगर नैतिकता नाम की कोई चीज बची है तो उनको तत्काल अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। धस्माना ने कहा कि यह कोई एक दुर्घटना का मामला नहीं है बल्कि इस वर्ष अब तक राज्य में 850 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो चुकी है और पिछले वर्ष यह आंकड़ा 932 था।

यह केवल आंकड़ा नहीं है बल्कि इतने लोग सरकार की लापरवाही के कारण असमय मौत के शिकार हो गए। धस्माना ने कहा कि लगातार हो रही इन मौतों पर सरकार केवल जांच के आदेश और मुआवजा दे कर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती बल्कि इन मौतों और दुर्घटनाओं के लिए अब सरकार को इसकी जवाब देही तय करनी पड़ेगी और इन विभागों के मंत्रियों के इस्तीफे लेने चाहिए।

धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता को यह बताना चाहिए कि बहु प्रचारित संजीवनी एयर एंबुलेंस घटना स्थल पर क्यों नहीं पहुंची क्योंकि अगर एयर एंबुलेंस समय पर घटना स्थल पर पहुंची होती तो अनेक लोगों को बचाया जा सकता था। धस्माना ने कहा कि सड़क दुर्घटना का मामला बहुत गंभीर हो चुका है और अब इस पर कांग्रेस सरकार से प्रभावी कार्यवाही की मांग करती है।

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